Tuesday, 28 June 2016

Headmaster, Middle School Darbhanga Visited Navodaya Mission Pustakalaya

Shree Arjun Thakur, Headmaster, Middle school Darbhanga Visited Sirsoti village and observed the impact of activities of Navodaya Mission for the improvement of educational environment of the village. After seeing the library he appreciated the work for developing reading habit among the children and thought to do the same in his school.

Later he also visited Brahmnishtha Ashram where Navodaya Ashram is constructing a building for Navodaya Mission for Digital India for computer literacy of the village.

Thursday, 23 June 2016

Request for admission of children of labourers/PAPs/poor people declined

On getting green signal from CSR, Navodaya Mission conducted "Navodaya Mission Rural Talent Search Examination-2016" for students studying in government schools and private schools outside the Rihand Township on 28 February. Beyond our expectations, some students of these poor strata of society excelled in this examination. They had hope that they would be given chance to study in St. Joseph School, DAV School and Central School, Rihand. After following two and half months, finally it was declared that there is no policy for such admissions and many NGOs would come ahead with such proposals which would be unmanageable. 

Divide between managers and majdoor is continued.

Friday, 10 June 2016

उत्तर प्रदेश पॉलिटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा में नवोदय मिशन रिहंद के छात्रों ने बाजी मारी

यदि लगन हो और कुछ करने की चाहत, तो मंज़िल का रास्ता अपने आप बनता चला जाता हैं और आप सफलता के शिखर पर पहुँच ही जाते हैं। सिरसोती की बुलबुल कुमारी एवं जनार्दन सिंह तथा शांति नगर की कविता ने  उत्तर प्रदेश पॉलिटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर इस बात को सिद्ध कर दिया हैं। एन॰टी॰पी॰सी॰ रिहंद के अभियन्ताओं द्वारा चलाये जा रहे स्वयंसेवी संस्था "नवोदय मिशन" विगत चार सालों से गरीब ग्रामीण बच्चों के लिए निशुल्क "पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा" की तैयारी कराता आ रहा हैं। आस-पास के ग्रामीण बच्चे प्रतिदिन कर्मचारी विकास केंद्र में दो-तीन घंटे के लिए आते थे जहां उन्हें नवोदय मिशन के सदस्य राघवेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार पालीवाल, योगेंद्र कुमार, उज्जवल कुमार, शांता कुमार इत्यादि विभिन्न विषयों को पढ़ाना एवं परीक्षा पास करने के लिए नियमित टेस्ट के द्वारा तैयार करते थे। सभी छात्र गरीब परिवार से आते थे, और अधिकांश के माता-पिता अनपढ़ भी हैं। अतः उनका नियमित रूप से प्रेरणा पूर्ण अभिभाषणों के द्वारा मनोबल भी बढ़ाया जाता रहा हैं। विगत सालों में निर्धन परिवार के कृपा शंकर एवं शर्मिला कुमारी ने भी सफलता हासिल किया था और आज वे सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज बरेली एवं लखनऊ में अध्ययनरत हैं। नवोदय मिशन के संस्थापक एवं महासचिव शांता कुमार ने कहा की हमने विगत छह सालों के प्रयास सेअपने उद्देश्यों के प्रथम  पहला चरण को प्राप्त किया हैं। पॉलिटेक्निक कॉलेज की पढ़ाई के बाद इन बच्चों को रोजगार मिल जाएगा और फिर वे आगे मेहनत कर और भी आगे बढ़ पाएंगे। इन सभी से प्रेरित होकर ज्यादा से ज्यादा बच्चे पढ़ाई की और उन्मुख होंगे एवं निकट भविष्य में इन गरीब बच्चों में से कोई ईंजीनियरिंग, मेडिकल एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी पास कर पाएंगे। नवोदय मिशन के शिक्षा सचिव राघवेंद्र जो पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के विशेषज्ञ बन चुके हैं ने कहा की जब ये गरीब बच्चे सफलता प्राप्त करते हैं, उन्हे पढ़ाने में और भी मन लगने लगता हैं। सभी सफल छात्र के माता-पिता दिहारी मजदूर हैं और सभी सरकारी विद्यालयों में ही पढ़ते थे। कविता एवं जनार्दन सिंह अपने प्रथम प्रयास में ही कक्षा दस के साथ-साथ ही इस सफलता को हासिल कर लिया हैं। बुलबुल अनुसूचित जनजाति से आती हैं और अपने गाँव की पहली लड़की बन गयी हैं, जो इस परीक्षा को पास किया हैं। ये सभी बच्चे शेष सभी गरीब बच्चो के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं और उनमें एक विश्वास भर दिया हैं की मेहनत कर वे भी सफलता हासिल कर सकते हैं। नवोदय मिशन एन॰ टी॰ पी॰ सी॰ रिहंद के सामाजिक दायित्व के उद्देश्य को फलीभूत करते हुए इनके पठन-पाठन में सहयोग देती रहेगी।